हिंदू धर्म में विभिन्न पशु-पक्षियों को देवी-देवताओं से जुड़ा हुआ माना जाता है। वास्तुशास्त्र में भी पशु-पक्षियों का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि पशु-पक्षियों में अनिष्ट को दूर करने की अद्भुत क्षमता होती है। गाय में सभी तीर्थों का वास बताया गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने गोमाता की सेवा कर इसे पवित्र पशु बनाया।
माना जाता है कि गो सेवा से सभी सुख प्राप्त हो जाते हैं। भगवान विष्णु-मां लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए गो पालन उचित माना गया है। हर दिन गाय को रोटी खिलानी चाहिए। कहा जाता है कि जिस भू भाग पर मकान बनाना हो तो वहां पंद्रह दिन तक गाय और बछड़ा बांधने से वह जगह पवित्र हो जाती है। भगवान भैरव का वाहन श्वान माना जाता है। श्वान को प्रतिदिन भोजन कराने से घर में समृद्धि की प्राप्ति होती है। कौवे को भोजन कराने से अनिष्ट दूर हो जाते हैं। घर में तोता पालने से कुदृष्टि का प्रभाव दूर होता है। मछलियों को पालने से कई दोष दूर होते हैं। घर में पीतल का मेढ़क रखने से बीमारियां दूर होती हैं। कछुए को मां लक्ष्मी का प्रतिनिधि माना जाता है। घर में तांबे का कछुआ रखने से वैभव की प्राप्ति होती है। खरगोश को पालना बच्चों के लिए शुभकारी माना जाता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।