अहंकार और क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। हमारे आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा हमें क्रोध में आने या अहंकार के लिए प्रेरित करती हैं। यह नकारात्मक ऊर्जा हमारे भीतर मानसिक विकार भी उत्पन्न करती हैं। वास्तु में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से हम क्रोध और अहंकार से दूर रह सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
सुबह उठकर धरती माता को प्रणाम करें। गंदगी हमेशा क्रोध को उकसाती है। ऐसे में अपने घर या प्रतिष्ठा को स्वच्छ रखें। रोजाना कुछ देर मौन रहने का प्रयास करें। सूर्यदेव को जल अर्पित करें। ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ तो मिलता ही है क्रोधी स्वभाव भी शांत होता है। घर में सुबह एवं शाम पूर्व दिशा में दीपक जलाने से क्रोध और अहंकार की भावना समाप्त हो जाती है। जहां स्त्री कष्ट में रहती है वहां कभी खुशियां नहीं आ सकती। ऐसे में घर में सभी को प्रसन्न रखने का प्रयास करें। चांदी के गिलास में पानी और दूध का सेवन करें। हनुमान जी की उपासना करें। हनुमान चालीसा का नित्य प्रति पाठ करें। घर में तुलसी का पौधा लगाएं। लाल रंग का प्रयोग न करें। मंगलवार के दिन बेसन और मसालों का दान करने से क्रोध शांत रहता है। बड़े बजुर्गों से आशीर्वाद प्राप्त करें। रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य दें। घर या प्रतिष्ठान में सुगंधित वस्तुओं का प्रयोग करें। इससे तनाव दूर होता है और सकारात्मकता आती है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।