भगवान शिव, भोले भंडारी हैं। भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। उनकी कृपा से दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदला जा सकता है। फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आने वाली महाशिवरात्रि भगवान शिव को अति प्रिय है। चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ हैं। इस दिन भगवान शिव की आराधना से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव अर्धरात्रि में भगवान ब्रह्मा के अंश से प्रकट हुए थे। यह भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव का गौरा माता से विवाह हुआ था।
महाशिवरात्रि पर गरीबों को भोजन कराएं, इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी। इस दिन अपने घर में डमरू को रखें। ऐसा करने से घर में नकारात्मक शक्ति प्रवेश नहीं कर पाएंगी। अगर बच्चा पढ़ाई में कमजोर है तो डमरू को उसके कमरे में रख सकते हैं। महाशिवरात्रि पर अपने घर को साफ-सुथरा रखें। इससे दरिद्रता दूर हो जाती है। महाशिवरात्रि के दिन अपने घर के हर कोने में नमक का पानी छिड़कें। घर के मुख्य द्वार पर लाल सिंदूर से स्वास्तिक बनाएं और दोनों ओर शुभ लाभ लिखें। इस त्योहार पर काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करें। इस दिन घर में शिव परिवार का चित्र लगाएं। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इस दिन घर के मंदिर में उत्तर दिशा में भगवान शिव और भगवान गणेश की मूर्ति विधि-विधान से स्थापित करें। नीला रंग भगवान शिव को प्रिय माना जाता है। उनकी आराधना में नीले रंग के फूल रखें। व्यापारिक प्रतिष्ठान में भगवान शिव की ऐसी मूर्ति स्थापित करें, जिसमें वह नंदी पर विराजमान हों। महाशिवरात्रि पर पूरे दिन ऊं नम: शिवाय का जाप मन ही मन करते रहें। महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर केसर मिला हुआ मीठा दूध अर्पित करने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं। इस दिन बैल को हरा चारा अवश्य खिलाएं। इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। अगर घर में कोई रोगी है तो शिवरात्रि पर शिवलिंग पर काले तिल अवश्य अर्पित करें। शिव मंदिर में रातभर के लिए घी का दीपक अवश्य जलाएं। ऐसा करने से जीवन में कभी भी धन का संकट नहीं होता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।