एक मई को दुनिया में मजदूर दिवस, लेवर डे या मई दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन मजदूरों के सम्मान, उनके अधिकारों की याद में मनाया जाता है। अमेरिका में वर्ष 1886 में मजदूरों ने मांग की कि उनके काम की अवधि आठ घंटे हो और सप्ताह में एक दिन की छुट्टी हो। इसके लिए उन्होंने कैंपेन चलाया और प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के बीच ही यहां बम ब्लास्ट हुआ और पुलिस ने मजदूरों पर गोलियां चला दी। गोलीबारी में कुछ मजदूरों की मौत हो गई। इसके बाद 1889 में पेरिस में अंतरराष्ट्रीय महासभा की द्वितीय बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि एक मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाए। तब से दुनिया के 80 देशों में मई दिवस को मनाया जाने लगा। कुछ लोगों का मानना है कि अमेरिकन फेडरेशन ऑफ लेबर के फाउंडर पीटर जे. मैकगुरी ने इसकी शुरुआत की तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि मैथ्यु मैगुरी ने इसकी शुरुआत की। भारत में मजदूर दिवस सबसे पहले चेन्नई में एक मई 1923 को मनाया गया। किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने इसकी शुरुआत की। उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था। कनाडा में मजदूर दिवस सितंबर के पहले सोमवार को मनाया जाता है।
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