मोती एक कठोर पदार्थ है जो मुलायम ऊतकों वाले जीवों द्वारा पैदा किया जता है। आदर्श मोती उसे मानते हैं जो पूर्णतः गोल और चिकना हो, लेकिन अन्य आकार के मोती भी पाए जाते हैं। मोती का रत्न के रूप में या सौन्दर्य प्रसाधन के रूप में उपयोग होता है। मोती रत्न नहीं बल्कि एक जैविक संरचना है लेकिन इसके बाद भी इसको नवरत्नों की श्रेणी में रखा जाता है। यह मुख्य रूप से चन्द्रमा का रत्न है। भारत समेत अनेक देशों में मोतियों की मांग बढ़ती जा रही है।
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हालांकि आजकल बाजार में नकली और डुप्लीकेट मोती की भरमार है। बाजार में कल्चर किए हुए मोती से लेकर कई तरह के नकली मोती बिक रहे हैं, जिनसे सावधान रहने की जरूरत है।
ऐसे पहचानें असली मोती
-दांत से दबाने पर असली मोती टूट जाता है।
-सच्चे मोती को कपड़े से रगड़ने पर उसकी चमक और बढ़ जाती है।
-असली मोती की परत को नाखून से खरोंचा जा सकता है।
दोषपूर्ण मोती मनुष्य को हानि पहुंचाता है
-जिसमें कोई चमक न हो, वह अशुभ मोती होता है। इससे गरीबी एवं दरिद्रता बढ़ती है।
– टूटा हुआ मोती कभी न लें, इसे धारण करने से मनुष्य में अस्थिरता बढ़ती है।
-जिसके चारों ओर वृत्ताकार रेखा खिंची दिखाई दे। यह हृदय को कमजोर और रोगी बनाता है।
-जिसमें एक या कई रंग के धब्बे दिखाई दें, इससे बल, बुद्धि नष्ट होते हैं।
-जो बेडोल व लंबा हो, इससे बल, बुद्धि नष्ट होती है।
-जो लाल या रक्त रंग जैसा दिखता हो, यह कुल नाशक होता है।
-जिसपर मोटा सा काला धब्बा हो, यह संतान के लिए अत्यंत हानिकारक सिद्ध होता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।